जब कोरोना से मरने वालों का कोई कफन-दफन करने को तैयार नहीं हो रहा था एएमयू कोआर्डिनेशन कमेटी (AMUCC) इसका भी इंतजाम कर रही थी. कमेटी के वॉलिंटियर्स (Volunteers) वहां जाकर कफन-दफन करते और मुर्दे को नहलाने का काम भी करते. डॉ. मोहसिन रजा ने कहा कि पैसे तो कोई भी दे सकता है लेकिन अपनी जान हथेली पर लेकर काम करने के लिए कमेटी के सभी मेंबर्स सलाम के हकदार हैं. कमेटी के डोनर, वॉलिंटियर एएमयू (AMU) छात्र संघ के उपाध्यक्ष रहे मुदस्सिर हयात खुद कोरोना (Corona) से संक्रमित होने के चलते अस्पताल में जंग लड़ रहे थे और वहीं से दूसरे लोगों की मदद के लिए डोनेशन भी भेज रहे थे.
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AMU के छात्र बोले- नहीं भूल सकते हजारों लोगों की जान बचाने वाले डॉ. रामकिशन और इमरान भाई को
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