स्वतंत्रता सेनानी सत्यनारायण प्रसाद ने कहा कि 16 अगस्त 1942 को अंग्रेजों के थाना पर तिरंगा फहराने के लिए युवाओं की टोली अंग्रजो भारत छोड़ो का नारा देते हुए डुमरांव थाना की ओर बढ़ने लगे. दरोगा देवनाथ सिंह ने गोलियां बरसानी शुरू कर दी.जिसमें चार सपूत शहीद हो गए थे.इसके अलावा 17 अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने भी शहादत दी थी.
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Independence Day : 1942 के आंदोलन में डुमरांव से 21 स्वतंत्रता सेनानियों ने दी थी प्राणों की आहूति, शहीदों की शौर्यगाथा पर है गर्व
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