Dussehra 2022: कोरोना काल के बाद दशहरा भले ही धूमधाम से मनाया जा रहा हो, लेकिन रावण के पुतले बनाने वाले कारीगर दर्द में हैं. उनका कहना है कि अब इस काम में न मुनाफा है और न इनकी मांग बढ़ रही है. पहले जहां 100 पुतले बनते थे, वहीं अब इनकी संख्या घटकर 28 के करीब पर आ गई है. उनका कहना है कि इस बार उत्सव में पटाखों के प्रतिबंध का भी डर है.
from Latest News देश News18 हिंदी https://ift.tt/mkZFz56
Home
DeshKhabar
Latest News देश News18 हिंदी
Dussehra Special: ‘पुतले बनाने में अब न तो पहले जैसा मुनाफा है, न ही वैसी मांग,’ जानें कारीगरों का दर्द
0 comments: