
मनीष कहते हैं- "मैं लड़के को गले भी नहीं लगा पाया. स्पेशल परमीशन लेकर मैं पीपीई किट (PPE Kit( पहनकर एक एंबुलेंस से केजीएमयू (KGMU) गया. वहां भी मैं अपने परिवार के पास नहीं जा सका. मैंने दूर से सिर्फ अपने बच्चे को आखिरी बार देखा."
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