
इस शाही जुलूस में हाथी, घोड़े, ऊंट और रथों पर अखाड़े के संत, महंत और महामंडलेश्वर भी निकलते हैं. अखाड़ों की पेशवाई के समय नागा सन्यासियों के अस्त्र और शस्त्र के प्रदर्शन की भी परम्परा है. लेकिन आनंद अखाड़े में पेशवाई के मौके पर संतों के हर्ष फायरिंग की.
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