पश्चिम सिंहभूम जिला में भौगोलिक स्थिति जंगल और पहाड़ों से घिरा है. इसलिए यहां पानी की बेहद किल्लत है. शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक हर तरफ पानी को लेकर त्राहिमाम मचा है. पहाडी इलाकों में तो कई किलोमीटर दूर चल कर पानी लाने को मजबूर होते हैं. खनन इलाका सारंडा में तो लोग लाल पानी पीने को मजबूर हैं.
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10 करोड़ की लागत से बने जल मीनार से होगी 15 हजार ग्रामीणों को जलापूर्ति
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