
विजयादशमी के मौके पर एक तरफ जहां रावण दहन हुआ तो वहीं माँ दुर्गा की विसर्जन भी हुआ. कोयलांचल धनबाद में माँ दुर्गा को पालकी पर विदा किया गया. बंगाली समुदाय द्वारा स्थापित इस पूजा पंडाल में माता की प्रतिमा के विसर्जन से पूर्व यादव समाज के भाइयों के कंधे पर उठाने की परंपरा है. माता की प्रतिमा को पालकी पर सवार कराकर नगर भ्रमण कराया जाता है वही सभी लोग नाचते- गाते हुए पंपू तालाब मे प्रतिमा विसर्जन करने पहुँचते है. बंगाली एवं अन्य समाज की महिलाओं द्वारा मां दुर्गा को सिंदूर दान कर उन्हें सप्रेम विदाई देती है और अगले बरस जल्दी आने के लिए आशीर्वचन मांगती हैं. दिलचस्प बात यह है कि बंगाली परंपरा के साथ पहली बार माता के विदाई के समय झारखंड संस्कृति का प्रसिद्ध छाऊ नृत्य भी देखने को मिली साथ ही युवा लड़कियों से लेकर बुजुर्ग महिलाए माँ दुर्गा कि विदाई के दौरान खूब झूम कर नाचे. धनबाद मे मेयर शेखर अग्रवाल और उनकी धर्मपत्नी भी आयोजन में शामिल हुए.
from Latest News झारखंड News18 हिंदी https://ift.tt/2RZ3u66
0 comments: