
जहां देशभर में दशहरे के मौके पर रावण के पुतलों का दहन किए जाने की तैयारी हैं. वहीं कानपुर में रावण को ना फूंकने की अपील करते हुए शोभा यात्रा निकाली गयी. रावण को महामानव बताते हुए उनकी पूजा किए जाने की अपील की गयी. यात्रा निकाल रहे लोगों का कहना है कि रावण गौतम बुद्ध के पूर्व औतार थे, जिन्होंने हमेशा पशु बलि का विरोध किया. भारतीय दलित पैंथर के बैनर तले निकाली जा रही यात्रा कानपुर देहात के पुखरांया में बौद्ध धम्म दीक्षा समारोह में परिवर्तित हो जाएगी. दावा है कि पुरखांया के कृषि मेला मैदान में दस हजार लोग बौद्ध धर्म अपनाएगें.
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