तालिबान (Taliban) के उदारवादी चेहरे माने जाने वाले अब्दुल गनी बरादर को साइडलाइन किए जाने की खबरें पहले भी आ चुकी हैं. बरादर की बजाए सरकार में आतंकी गुट हक्कानी नेटवर्क को ज्यादा वरीयता दी जा रही है. ऐसे में सरकार की छवि पहले से बिगड़ी हुई. इस दौरान तालिबान लड़ाकों के रोज बढ़ते अत्याचारों ने नई मुसीबत खड़ी कर दी है.
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तालिबान के नियंत्रण में नहीं उसके लड़ाके, खुलेआम सड़कों पर कर रहे अत्याचार
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