
परिवार ने शोपियां में 18 जून को हुई कथित मुठभेड़ के दौरान मारे गए तीन अज्ञात 'आतंकवादियों' की अपने बच्चों से मिलती-जुलती तस्वीरें देखीं. उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि हमारे मासूम के हश्र के बारे में पता चल सकेगा. हम गरीब हैं. वे काम खोजने और कुछ पैसे कमाने के लिए कश्मीर आए थे.'
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