जिस जंगल में पति को बाघ खा गया, पेट की ख़ातिर मैं वहां रोज़ जाती हूं Posted By: Unknown 12:05 AM Leave a Reply जंगल जाते हुए हर दिन मेरी रूह कांप उठती है. फिर अपने आदमी की कही बात याद आती है, मौत का आना तय है. वो जहां, जैसे आनी लिखी है वैसे ही आएगी. from Latest News देश News18 हिंदी https://ift.tt/2pJAS44 Tweet Share Share Share Share
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