
एसपी ने बताया कि पहली बार 2011 और दूसरी बार 2014 में चाईबासा में जेलब्रेक कांड को अंजाम दिया गया. दोनों कांडों में इन्हीं माओवादियों का हाथ था. पहले जेलब्रेक कांड में भागने वालों में संदीप सोरेन भी था.
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