सुबोध बता रहे हैं कि इस कला को सीखने के बाद, उन्होंने इसे लोगों के सामने प्रस्तुत करना शुरू किया. 2007 से उन्होंने जादूगरी का प्रोग्राम करना शुरू किया. सुबोध बता रहे हैं कि उनके गुरु मुजफ्फरपुर के अनीश भारती हैं, जो जादूगरी में उनके उस्ताद हैं. उनका कहना है कि वे अपनी कला के जरिए कई देशों के लिए नोट बना सकते हैं, न केवल नोट ही, बल्कि इसके अलावा भी काफी कुछ बना सकते हैं.
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IAS...IPS... डॉक्टर नहीं इनको बचपन से बनना था जादूगर, जादूगरी देख आंख रह जाएगी खुली, देखें Video
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