
गोड्डा जिले में डायन बिसाही के नाम पर बिजली के खम्भे से बांधकर एक विधवा को बेदर्दी से पिटाई की गई. गांव में तालिबानी फरमान के बाद एक निर्दोष को सरेआम सजा दी जाती रही और लोग तमाशा देखत रहे. मुफ्फसिल थाना क्षेत्र की मोसमात कौशल्या को डायन बता कर पीटा गया, जिसके शरीर पर अनगिनत चोट के निशान हैं. फिलहाल वह सदर अस्पताल के महिला वार्ड के बिस्तर पर दर्द से कराह रही है. घटना विगत दो नवम्बर की है जब कौशल्या के समधी और समधन अपनी बेटी और पोते को लेने आये तो महिला ने अपनी बहू को मायके विदा करने से यह कहकर रोक दिया कि अभी घर में छठ का त्यौहार है, उसके बाद भेज देंगे. कौशल्या के छठ के बाद विदा की कहते ही सभी ने मिलकर कौशल्या और बेटे घनश्याम (अपने ही दामाद ) की पिटाई की और बेटी को जबरदस्ती अपने साथ ले गए. इतने से भी उनका मन नहीं भरा तो दामाद पर महिला थाना में दहेज़ उत्पीडन का मामला भी दर्ज कर दिया. इस घटना के बाद छह नवम्बर को दोपहर के वक्त मोसमात कौशल्या गांव बंका मोड़ के डीलर दूकान से राशन लेने गई थी. आरोप है कि कौशल्या के बेटे के मौसेरी सास और मौसेरे ससुर जो उसी गांव के निवासी हैं, उनके द्वारा कौशल्या को राशन दूकान से घसीटकर बिजली के खम्भे से उसी के साडी से बंधकर बेरहमी से सरेआम पीटा गया.कौशल्या के समधी और समधन यह कहकर उसकी पिटाई की जा रही थी जब तक यह डायन रहेगी उसकी बेटी चैन से नहीं रह सकेगी .
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