
पूरे देश में मां दुर्गा की अराधना में भगवती के 9 रूपों की पूजा अर्चना की जाती है. इसी क्रम में झारखंड के चतरा जिले में भी महाअष्टमी के दिन मां भद्रकाली मंदिर परिसर में जीव की बलि नहीं होती है. मान्यता है कि मां भद्रकाली वैष्णवी हैं, इसलिए मंदिर परिसर में ऋतु फल की बलि दी जाती है. यह परम्परा दशकों से चली आ रही है. मंदिर के प्रांगण में मां के जयकारे के साथ ही पूजा अर्चना शुरू होती है और मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सह चतरा के एसडीओ राजीव कुमार समेत हजारों भक्तों ने फल की बलि चढ़ायी. पूजा के दौरान सबसे पहले तलवार की पूजा होती है और पूरे विधि-विधान के साथ फलों की बलि दी जाती है.
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